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चंपावत के बेलखेत के 100 मीटर लंबे पैदल झूलापुल के जीर्णशीर्ण होने के साथ ही जगह-जगह गड्ढे होने से लोग खतरों के बीच सफर कर रहे हैं। कई बार आग्रह करने के बावजूद पुल की मरम्मत नहीं हो सकी है। लोगों ने पुल की मरम्मत नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। वर्ष 1993 में बने बेलखेत के पैदल पुल की हालत खस्ता है। सड़क विहीन नौलापानी, बेलखेत, बिलूना, दुधोरी, बाली आदि गांवों के तीन हजार से अधिक लोगों की धड़कन इस पुल से गुजरते वक्त बढ़ जाती है। क्वैराला नदी पर बने इस जीर्णशीर्ण पुल से गुजरना ग्रामीणों के लिए मुश्किल भरा होता है। कई जगह गड्ढे होने के साथ खतरे वाले हालात होने से खासकर रात में आवाजाही बेहद कठिन होती है। खतरे के मद्देनजर ग्रामीण कई जगह गड्ढों को पत्थर से ढककर काम चला रहे हैं। ग्राम प्रधान बालम सिंह बोहरा, दिनेश बोहरा, मनोज सिंह, मनोहर सिंह बोहरा आदि का कहना है कि पुल के गड्ढे कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं। ग्रामीणों ने पुल की एक माह के भीतर मरम्मत नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। संवाद