जंगल की आग में जली ऐड़ीधुरा मंदिर की 200 साल पुरानी धर्मशाला

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चंपावत। जंगल की आग की चपेट में आने से बाराकोट ब्लॉक के रैघाव स्थित ऐड़ीधुरा मंदिर की दो सौ साल पुरानी धर्मशाला जलकर नष्ट हो गई। आस्था का केंद्र धर्मशाला जलने से लोगों में निराशा है। लोगों ने जिला प्रशासन से धर्मशाला के पुनर्निर्माण की मांग उठाई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह अधिकारी ने बताया कि ऐड़ीधुरा के जंगलों में लगी आग से करीब दो सौ साल पुरानी धर्मशाला जल गई है। इसकी जानकारी तब मिली जब गांव के लोग अपनी गाय चराने के लिए जंगलों की ओर गए थे। उन्होंने बताया कि ऐड़ीधुरा मंदिर रैगांव, बैड़ा, लुवाकोट, सेरा, भनार और मटियाल सहित क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां पर दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर नवरात्रों और अन्य पर्वों पर आते हैं। मंदिर के पास ही धर्मशाला में देव डांगरों का निवास स्थान है। मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी और गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से जल्द धर्मशाला का निर्माण करने और मंदिर परिसर में चहारदीवारी निर्माण करवाने की मांग उठाई। समिति के कोषाध्यक्ष शंकर सिंह अधिकारी, डांगर हरीश सिंह अधिकारी, माधो सिंह अधिकारी, शेर सिंह अधिकारी, विक्रम सिंह अधिकारी, प्रताप सिंह अधिकारी, कल्याण सिंह, हर सिंह अधिकारी, बहादुर सिंह, प्रयाग सिंह, नारायण सिंह आदि ग्रामीणों ने धर्मशाला के पुनर्निर्माण की मांग की है।


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