कैलाश गहतोड़ी के असामयिक निधन से हर कोई स्तब्ध! कुशल व्यवहार से सबको बना लेते थे अपना मुरीद,दिल खोलकर करते थे लोगों की मदद

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उत्तराखंड वन विकास निगम अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी के असामयिक निधन से हर कोई स्तब्ध है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा है। कैसा है मेरा बाबू..कह कर सबको अपना मुरीद बना लेने वाले कैलाश गहतोड़ी अब उनके बीच नहीं रहे।

वन विकास निगम अध्यक्ष कैलाश चंद्र गहतोड़ी के असामयिक निधन से हर कोई स्तब्ध है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि चुनाव प्रचार और सामान्य जनसंपर्क के दौरान हर किसी के साथ मिलने पर…कैसा है मेरा बाबू..कह कर सबको अपना मुरीद बना लेने वाले कैलाश गहतोड़ी अब उनके बीच नहीं रहे। हमेशा ही गरीब और जरूरतमंदों को आर्थिक सहयोग देने में आगे रहने वाले कैलाश दा गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह में दिल खोलकर मदद करते थे। वह न सिर्फ गरीब कन्याओं के विवाह के लिए आर्थिक सहयोग देते थे बल्कि विवाह के दौरान खाने पीने की सभी सामग्री भी कन्या पक्ष को उनकी ओर से ही उपलब्ध कराई जाती थी। अपने विधायकी के पहले कार्यकाल में उन्होंने तीन सौ से अधिक गरीब कन्याओं के विवाह में सहयोग दिया। वर्ष 2003 से 2008 तक बुंगा कमलेख जिला पंचायत सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कैलाश गहतोड़ी चंपावत सीट से दो बार विधायक चुने गए। क्षेत्र के विकास के लिए अपनी विधायकी को दांव पर लगाने वाले कैलाश गहतोड़ी को सम्मान देते हुए राज्य सरकार की ओर से उन्हें जून 2022 में उत्तराखंड राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। तब से वह अस्वस्थ होने के बावजूद भी वन विकास निगम अध्यक्ष पद का दायित्व बखूबी निभा रहे थे।


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