उत्तराखण्डः शीतकाल के लिए बंद हुए तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट! सैकड़ों श्रृद्धालुओं ने किए दर्शन

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रुद्रप्रयाग। प्रसिद्ध तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट आज सोमवार को साढ़े ग्यारह बजे शीतकाल के लिए विधि विधान से बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत तुंगनाथ जी के स्वयंभू लिंग को समाधिस्थ किया गया। प्रातः नौ बजे से कपाट बंद हेतु प्रक्रिया शुरू हूई। इस अवसर पर सैकड़ो श्रद्धालुजन मौजूद रहे। तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली  मंदिर परिसर में विराजमान हुई। मंदिर की परिक्रमा के पश्चात  प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया जहां पर भगवान तुंगनाथ जी की डोली का भब्य स्वागत हुआ। आज देवडोली  रात्रि विश्राम चोपता में करेगी। 8 नवंबर को देव डोली  बड़तोली होते हुए भनकुन पहुंचेगी रात्रि प्रवास भनकुन में रहेगा। 9 नवंबर को प्रात: देवडोली भनकुन से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंच जायेगी‌। पूजा अर्चना के पश्चात डोली मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो जायेगी। कपाट बंद होने के अवसर पर केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव / मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, कार्याधिकारी आर सी तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल मंदिर  प्रबंधक  बलबीर नेगी,मठापति राम प्रसाद मैठाणी, चंद्रमोहन बजवाल,पुजारी अतुल मैठाणी, रवीन्द्र मैठाणी, अजय मैठाणी डोली आदि मौजूद रहे।


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