चंपावत के सिमल्टा को आदर्श गांव बनाने में सरकारी अमले के छूटे पसीने, भाजपा सरकार ने 2008 में सिमल्टा को अटल आदर्श गांव में किया था शामिल

Spread the love

जिला मुख्यालय से महज दस दूर बसे सिमल्टा गांव को आदर्श बनाने में सरकारी अमले के पसीने छूट रहे हैं। ग्राम पंचायत ही नहीं, न्याय पंचायत का भी मुख्यालय है सिमल्टा, लेकिन यहां के लोग का सुविधाओं की हसरत पूरी नहीं हो सकी है। नौबत यह कि पांचवीं के बाद की पढ़ाई के लिए यहां के नौनिहालों को छह किमी दूर जाना पड़ता है।

चंपावत वर्ष 700 से 1563 अवधि में 863 साल तक चंद राजाओं की राजधानी रहा है। इसी से शहर की पहचान है। यहां का सिमल्टा चंद राजाओं के पुरोहित (पांडेय) का गांव है। पश्चिम बंगाल और पंजाब के राज्यपाल रहे पूर्व कैबिनेट सचिव दिवंगत भैरव दत्त पांडेय का भी पैतृक गांव है लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव काल में भी इस गांव उपेक्षित हाल में है। सिमल्टा गांव में प्राइमरी स्कूल से आगे की व्यवस्था नहीं है।

भाजपा सरकार ने 2008 में सिमल्टा को अटल आदर्श गांव में शामिल किया, लेकिन तब से इसकी आदर्श राह कभी नहीं बन सकी। बुनियादी सुविधाओं का इंतजार आज भी पूरा नहीं हुआ। स्वास्थ्य व्यवस्था तो दूर, गर्भवती महिलाओं के लिए भी कोई सहूलियत नहीं है। मामूली इलाज के लिए दस किमी दूर चंपावत जाने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीण कहते हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य समेत पशुओं के इलाज के लिए भी शहर जाने के लिए मजबूर हैं।

सिमल्टा में अटल आदर्श गांव में अधूरी रहीं 50 प्रतिशत सुविधाएं
अटल आदर्श गांव के रूप में चयनित गांवों में 16 सुविधाएं होनी चाहिए थी लेकिन 2008 में चयनित सिमल्टा गांव में आठ सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। अटल आदर्श गांव के तौर पर मिलने वाली 16 सुविधाओं में से शिक्षा, मातृ शिशु कल्याण केंद्र, कृषि निवेश, पशु सेवा केंद्र, सहकारी समिति, डाक सुविधा, बैंकिंग, सिंचाई सुविधा की कमी है। बस गांव में बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केंद्र, ग्रामीण स्वच्छता, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान, मोबाइल सेवा सुविधा, सड़क सुविधा है।
तत्कालीन विधायक कैलाश गहतोड़ी की पहल पर वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सिमल्टा में कूर्म सरोवर बनाने की मंजूरी दी थी। सिंचाई विभाग के जेई लक्ष्मण कुमार का कहना है कि 300 मीटर लंबे, 40 मीटर चौड़े, 10 मीटर गहरे कूर्म सरोवर के पूरा होने से पेयजल आपूर्ति के साथ जल संरक्षण, संवर्द्धन भी होगा। इससे पर्यटन भी बढ़ेगा।


Spread the love