हिमालय दिवस पर छात्रों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी, नैतिक जिम्मेदारियों से कराया अवगत।

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शनिवार को हिमालय दिवस के उपलक्ष्य  में  पीजी कॉलेज उत्तरकाशी में एन एस एस के तत्वाधान में हिमालय के संरक्षण हेतु सभी छात्र छात्राओं पर प्राध्यापकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी आदि सभी ने ‘’हिमालय बचाओ’ की प्रतिज्ञा ली। प्रातः राष्ट्रगान के उपरांत महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर बसंतिका कश्यप ने हिमालय दिवस की महत्ता बताते हुए सभी से हिमालय को बचाने की शपथ  दिलवाई। तदुपरांत वनस्पति विज्ञान विभाग के विभाग प्रभारी डॉक्टर एमपी एस परमार द्वारा हिमालय को संरक्षित करने हेतु प्रयासों को विस्तार से बताया। भूगोल विभाग के विभाग प्रभारी डॉ बचन लाल ने भी हिमालय की भौगोलिक परिस्थिति को समझाया। जंतु विज्ञान विभाग के विभाग प्रभारी प्रो मधु थपलियाल ने उत्तराखंड निर्माण के पीछे यहां की विषम परिस्थितियों को बताते हुए कहा कि यह राज्य हिमालय क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। एन एस एस की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ ऋचा बधानी ने कहा कि हिमालायी राज्यों में निर्माण हेतु अलग पॉलिसी होनी चाहिए। मैदानी क्षेत्रों में निर्माण पहाड़ी क्षेत्रों की अपेक्षा सरल है।एन एस एस के छात्र अभिनव ने भी हिमालय बचाने के लिए पर्यावरण को बचाने की बात रखी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर गीत गाकर सभी को प्रेरित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य  प्रोफेसर बसंतिका कश्यप ने छात्र अभिनव को ‘हिमालय प्रहरी’ पुरस्कार से सम्मानित भी किया। तत्पश्चात एन एस एस के सभी स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय के वानस्पतिक उद्यान तथा पुरी खेत परिसर की सफाई की। सफाई के पश्चात सभी स्वयंसेवकों ने गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें डॉ एमपीएस परमार जी ने पर्यावरण बचाने हेतु सभी स्वयंसेवी तथा आमजन द्वारा किए जाने वाले प्रयासों को विस्तार से बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय के एन एस एस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ परदेव, डॉ रुचि कुलश्रेष्ठ, डॉ विजयलक्ष्मी, डॉ रीना, डॉ आराधना, डॉ आकाश चन्द्र , डॉ तिवारी, डॉ एम पी एस राणा, डॉ बिष्ट, डॉ कैलाश सहित समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।


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