उत्तराखंड में विगत 25 जून से मानसून की शुरुआत हुई और तब से बारिश का दौर रुक-रुक कर जारी है। पिछले पांच दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है। जिस कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दस तस्वीरों में देखिए उत्तराखंड के हालात
हरिद्वार डोईवाला में कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। गंगा सहित अन्य नदियां उफान पर है। चारधाम हाईवे सहित कई मार्ग बाधित हो रखे हैं। बदरीनाथ हाईवे कंचनगंगा में बह गया है। चीन सीमा से जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग भी बंद पड़ा हुआ है। मौसम विभाग ने 11 और 12 जुलाई को राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिस कारण 11 राज्यों में समस्त शिक्षण संस्थान बंद किए गए हैं। बारिश से उत्तराखंड में हाहाकार मचा हुआ है। देहरादून में पिछले कई घंटों से झमाझम बारिश हो रही है। वहीं मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार अगले दो दिन भारी वर्षा का सिलसिला बना रह सकता है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने भारी वर्षा के कारण हरिद्वार व नैनीताल में नदियों के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। 11 जिलों में मंगलवार को भी 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। मंगलवार को बारिश के कारण मलबा आने से गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर बंद हो गया। जिससे हजारों यात्री विभिन्न जगहों पर फंसे हुए हैं। कंचनगंगा में बदरीनाथ हाईवे का बड़ा हिस्सा बह गया। मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। दोनों और सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। केदारनाथ यात्रा सुचारू है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पांच और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग आठ स्थानों पर अवरुद्ध है। हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। बारिश से भारी जलभराव हुआ है। जिस कारण कांवड़ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गंगा नदी सहित अन्य नदियां उफान पर हैं। गंगा चेतावनी निशान 293 मीटर से 15 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। खतरे का निशान 294 मीटर है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। लालढांग में टाट वाला के नौकी में पीली नदी उफान पर आ गई। नदी का पानी सड़क पर आ गया। क्षेत्र के मुख्य मार्ग पर तीन से साढे़ तीन फीट तक पानी बह रहा है। क्षेत्र के करीब 3000 की आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। उत्तराखंड के उच्च हिमालय में भारी बारिश कहर बरपा रही है। एनएचपीसी के धौली गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट के बांध का पानी छोड़े जाने से काली नदी उफान पर है। नदी में खोतिला में श्मशान घाट और कब्रिस्तान सहित एक गौशाला बह गई है। चार परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। एक और मकान बहने की कगार पर है। नदी किनारे रहने वालों को सचेत कर दिया है।