पीएम का उत्तराखंड दौरा: सियासी नजरिये से भी है बेहद अहम! अपने पक्ष में चुनावी फिजा बनाने के लिए भाजपा कर रही काम 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 12 अक्टूबर को कुमाऊं के अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के जागेश्वर, पिथौरागढ़ व लोहाघाट का दौरा सामरिक के साथ ही सियासी नजरिये से भी बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने महिला आरक्षण बिल संसद में पारित कराने के बाद पार्टी को भाजपा को पूरी तरह चुनावी मोड में ला दिया है। अब कुमाऊं में मोदी के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जागेश्वर में पूजा अर्चना, सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों से मिलने, सीमांत की जनजातियों से मुलाकात के बाद फिर पिथौरागढ़ में जनसभा व अध्यात्म के लिहाज से महत्वपूर्ण मायावती आश्रम में विश्राम को भाजपा अपने पक्ष में चुनावी फिजां बनाने की दिशा में काम कर रही है।

कुमाऊं में पिछली बार के आम चुनाव में मोदी लहर में अल्मोड़ा व नैनीताल सीट पर भाजपा प्रत्याशियों ने बंपर जीत दर्ज की थी। यहां तक कि राज्य की पांचों सीटों पर भाजपा ने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को करारी मात दी थी। मोदी लहर की आंधी में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तक अपनी सीट नहीं बचा पाए। 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा इस बार एक-एक सीट को महत्वपूर्ण मानकर रणनीति बना रही है। पार्टी की कोशिश फिर से चुनाव को मोदी बनाम अन्य बनाने की है। भाजपा ने 2019 में कुमाऊं की नैनीताल-ऊधमसिंह नगर तथा अल्मोड़ा सीट पर प्रचंड जीत दर्ज की थी। नैनीताल से अजय भट्ट ने पूर्व सीएम व दिग्गज कांग्रेसी हरीश रावत को तीन लाख से अधिक वोटों से जबकि अल्मोड़ा में अजय टम्टा ने पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा को दो लाख से अधिक वोटों से हरा दिया था। इस बार अल्मोड़ा जिले की 14 विधानसभा सीटों में द्वाराहाट, अल्मोड़ा शहर, पिथौरागढ़ शहर, धारचूला व लोहाघाट में कांग्रेस विधायक हैं। अल्मोड़ा के साथ ही नैनीताल में स्थानीय सांसदों के कामों को लेकर भी पार्टी के साथ ही जनता के एक तबके में नाराजगी पनप रही है। अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में नाराजगी अधिक है। सरकार के बजाय सांसदों की एंटी इम्कम्बेंसी फेक्टर किसी तरह हावी ना हो, इसके लेकर हाइकमान बेहद संजीदा है। अगले साल के आम चुनाव में संभव है कि विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन का नैनीताल व अल्मोड़ा में एक ही प्रत्याशी हो। ऐसे में भाजपा हाइकमान का लक्ष्य है कि जीत का लक्ष्य 2019 से बड़ा किया जाए, इसके लिए मोदी मैजिक ही सबसे बड़ा सियासी हथियार होगा। पार्टी जिस तरह मोदी के दौरे को देवभूमि के साथ लगाव के रूप में बता रही है, उससे साफ है कि अगले आम चुनाव में हर तरह की एंटी इनकम्बेंसी की काट के लिए मोदी ही पार्टी के दिव्यास्त्र होंगे। साथ ही मोदी सरकार के साथ ही धामी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं टॉनिक का काम करेंगी।


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