मलबा आने से तीन घंटे बंद रहा टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच

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चंपावत में लगातार बारिश के कारण मलबा आने से टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार शाम तीन घंटे बंद रहा। इस दौरान टनकपुर से पहाड़ की ओर आ रही रोडवेज की चार बसें रास्ते में ही फंस गई जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। रात को यह बसें चंपावत पहुंची। प्रशासन ने यात्रियों के रहने और खाने की व्यवस्था चंपावत में कराई। वहीं बाटनागाड़ नाले से खतरे को देखते हुए प्रशासन ने पूर्णागिरि धाम की यात्रा रोक दी है।

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार दोपहर 2:20 बजे स्वांला और कोट अमोड़ी में आए मलबे से आवाजाही बाधित रही। बारिश कम होने पर काम शुरू हुआ और शाम 5:25 बजे मलबा हटाया जा सका। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि पत्थर गिरने और सड़क के संकरा होने से जिले भर में कई जगह आवाजाही जोखिमभरी बनी हुई है। सड़क खुलने के बावजूद खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने रात में वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है। दिनभर में कई बार सड़क बंद रहने और खतरे के मद्देनजर वाहनों को टनकपुर के ककरालीगेट और चंपावत में कोतवाली एवं बनलेख में रोका गया।

वहीं बाटनागाड़ नाले से खतरे को देखते हुए प्रशासन ने पूर्णागिरि धाम की यात्रा पर रोक लगा दी है। इससे सौ से अधिक श्रद्धालु धाम की धर्मशालाओं में रुकने पर मजबूर हुए हैं। टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि बाटनागाड़ के 400 मीटर हिस्से में वाहनों के निकलने में हो रही दिक्कत को देखते हुए पूर्णागिरि धाम की यात्रा पर रोक लगाई गई है। रविवार को मौसम को देखते हुए आगे का निर्णय लिया जाएगा। लोहाघाट डिपो की 16 रोडवेज बसें रास्ते में फंसी बारिश की वजह से रोडवेज को तीन लाख रुपये के राजस्व का झटका लगा है। शुक्रवार को मैदान भेजी गई एक भी बस शनिवार को पहाड़ की ओर नहीं आ सकी। सहायक मंडलीय प्रबंधक नरेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि लोहाघाट डिपो की दिल्ली, देहरादून, बरेली, गुरुग्राम, काशीपुर, नैनीताल, हल्द्वानी रूटों पर गई 16 बसें रास्ते में फंसी हैं। इस कारण शनिवार को बस स्टेशन में सन्नाटा रहा।


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