ये क्या पहले अपनाया फिर ठुकराया! फिर सामने आई भाजपाईयों की आपसी कलह, कुछ ही घंटों में सामंत हुए बाहर

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आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी असमंजस में दिखाई दे रही है जहां आला नेता बीजेपी छोड़ चुके कई नेताओं की घर वापसी कराने में लगे हुए है वही उत्तराखंड के कई जिलों में बीजेपी नेताओं की आपसी कलह खुलकर सामने आ रही है ऐसा ही कुछ चंपावत जिले में देखने को मिला है । एक दिन पूर्व भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री, पूर्व जिला पंचायत सदस्य और सांसद अजय टम्टा के प्रतिनिधि और जिला पंचायत के पूर्व सदस्य गोविंद सामंत की देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ,चुनावी प्रभारी अरविंद पांडे और अन्य बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में वापसी हुई थी लेकिन सूत्रों के अनुसार कुछ घंटे के भीतर स्थानीय विधायक के दबाव में पार्टी आलाकमान को ये फैसला वापस लेना पड़ा।
जैसे ही सोशल मीडिया पर गोविंद सामंत के भाजपा में शामिल होने की खबर तैरने लगी उसके कुछ देर बाद ही खबर आई कि गोविंद सिंह सामंत को भाजपा ने निष्कासित कर दिया है। भाजपा ने निष्कासन का कारण उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहना माना जा रहा है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी ने इस आशय में एक पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के निर्देशानुसार गोविंद सामंत को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित किया जा रहा है। गौरतलब है कि 2 साल पहले 3 नवंबर 2019 को पंचायत चुनाव के दौरान ब्लॉक प्रमुख सीट को लेकर हुए विवाद के कारण बीजेपी ने गोविंद सामंत को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। लेकिन फिर भी गोविंद सामंत की मेहनत और लगन से ब्लॉक प्रमुख की सीट बीजेपी में न जा कर गोविंद सामंत के पाले में आई थी। तब से लेकर अभी तक स्थानीय लोगों में अपनी पैठ बना चुके गोविंद सामंत फिर से भाजपा में जा ही रहे थे कि अचानक मुद्दा गर्म हो गया और पार्टी को फैसला वापस लेना पड़ा। दो दिन पूर्व बीजेपी में शामिल हुए गोविंद सामंत की घर वापसी पर लगी रोक अजय भट्ट ने जारी किया पत्र पार्टी विरोधी गतिविधियों का दिया हवाला।


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