महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का एलान किया।

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सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का एलान किया है। महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे हैं।
मालवीय घाट पास खिलाड़ी अपने मेडल लेकर बैठ गए। इससे पहले पहलवान मेडल हाथों में लेकर रो पड़े।
आंदोलनकारी पहलवानों के समर्थन में काफी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता भी हरिद्वार पहुंचे हैं। वहीं, पहलवानों के पहुंचते ही हरकी पैड़ी पर लोगों की भीड़ जुट गई।
खिलाड़ियों ने कहा कि ’28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है। पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहे हैं। उन्हने ये भी कहा कि मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। कहा कि पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं, कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि क्यों जीते थे। उन्होंने कहा कि इन मेडलों को हम गंगा में बहा रहे हैं। क्योंकि वह गंगा मा हैं। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है।

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