दलित भोजनमाता को दिल्ली में नौकरी का ऑफर देते हुए ‘आप’ ने की मुख्यमंत्री की निंदा

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उत्तराखंड। उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले के सूखीढांग इंटर कॉलेज की भोजन माता को हटाए जाने के मुद्दे को आम आदमी पार्टी ने लपक लिया है। आम आदमी पार्टी ने इस बहाने भाजपा सरकार को दलित विरोधी बताया। साथ ही कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार नौकरी से निकाली गई दलित भोजन माता को नौकरी देगी। दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि भोजन माता सुनीता को नौकरी से निकालने का मतलब जातिवाद को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता को न्याय दिलाने के काबिल नहीं हैं।
मालूम हो कि सूखीढांग इंटर कॉलेज में दलित भोजन माता द्वारा बनाए गए मिड डे मील को ऊंची जाति के छात्रों ने खाने से इंकार किया। इसके तुरंत बाद ही स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने दलित भोजन माता सुनीता देवी को काम से ही निकाल दिया।भोजनमाता की नियुक्ति को रद्द करने का कारण नियुक्ति प्रक्रिया नियम के विरुद्ध होना बताया गया था।
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि बच्चों को समझाने की बजाय स्कूल के अधिकारियों ने दलित महिला को ही नौकरी से निकाल दिया। नफरत फैलाने वाले लोगों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि इस देश में बर्तन, बिल्डिंग, भवन, सड़क, जूते, कपड़ों से लेकर मंदिरों के अंदर भगवान की मूर्तियां बनाने का काम पिछड़े जाति के लोग ही करते हैं। तो अगर एक दलित महिला के हाथ का बना खाना खाने से इंकार करने की सोच रहने वाले लोग क्या अपने कपड़े,जूते पहनना या घर में भी रहना बंद कर देंगे? ऐसे देश आगे नहीं बढ़ सकता‌।
इसी के साथ राजेंद्र पाल गौतम ने उत्तराखंड सरकार को निशाने में लेते हुए कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता को न्याय दिलाने के काबिल नहीं हैं। भाजपा केवल धर्म और जाति की राजनीति करती है, समाज को बांटने की राजनीति करती है। साथ ही मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने यह ऐलान किया कि दिल्ली सरकार सुनीता जी को भोजन माता के रूप में नियुक्ति देगी।


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