![](https://champawattoday.com/wp-content/uploads/2024/07/728x90.jpeg)
नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दू धर्म ग्रंथों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि पहले ग्रंथी इधर-उधर हो गए और कुछ स्वार्थी लोग अपने ग्रंथ में कुछ-कुछ घुसा दिया। मोहन भागवत के इस बयान पर सोशल मीडिया यूज़र्स कई तरह के सवाल पूछने लगे। मोहन भागवत ने कहा कि हमारे यहां पहले ग्रंथ नहीं थे। हमारा धर्म मौखिक परंपरा से चलता आ रहा था। बाद में ग्रंथ इधर-उधर हो गए और कुछ स्वार्थी लोगों ने ग्रंथ में कुछ-कुछ घुसाया जो गलत है। उन ग्रंथों, परंपराओं के ज्ञान की फिर एक बार समीक्षा जरूरी है। इसके साथ उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म च्वॉइस सिखाने वाला धर्म है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमारा धर्म विज्ञान के अनुसार चलता है और विज्ञान को इंसान के लिए लाभकारी होने के लिए उस धर्म की आवश्यकता है, इसलिए विज्ञान सामने लाना हमारी परंपराओं में है। आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि हमारे पास परंपरागत रूप से जो है, उसके बारे में हर व्यक्ति के पास कम से कम मूलभूत जानकारी होनी चाहिए। इसे शिक्षा प्रणाली और लोगों के बीच आपसी बातचीत से हासिल किया जा सकता है। ज्ञान चाहने वाले को ज्ञान ही दिया जाए। ज्ञान समाज के हर वर्ग तक पहुंचना चाहिए।