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नई दिल्ली। कोरोना से मौत होने पर दिए जाने वाले मुआवज़े पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना से होने वाली मौत पर मुआवजा बांटकर राज्य कोई खैरात नही बांट रहे हैं,बल्कि कल्याणकारी राज्य होने के नाते ऐसा करना राज्यो का कर्तव्य है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुआवजे का आवेदन प्राप्त होने के दस दिन में उनका निपटारा किया जाए।
जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को नाराजगी जताई कि उसके पूर्व आदेश में स्पष्टता होने के बावजूद महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में कई मामलों में कमियां निकाल कर मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। पीठ ने कहा कि तकनीकी आधार पर पीड़ितों को मुआवजे से इनकार नहीं किया जा सकता। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सभी राज्य एक सप्ताह के अंदर अनाथ बच्चों का पूरा विवरण दें। साथ ही पीड़ितों को आदेश के मुताबिक राहत दिलाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें।