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बागेश्वर उपचुनाव में अपनी जीत का परचम लहराने में कोई भी पार्टी कसर नहीं छोड़ना चाहती है। बागेश्वर उपचुनाव में जहां बीजेपी अपनी जीत का डंका बरकरार रखना चाहती है। तो वहीं कांग्रेस की कोशिश अपना खोया जनाधार पाने की है। यही कारण है कि दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने इन दिनों में बागेश्वर में डेरा डाला हुआ है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट खुद चुनावी कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। दरअसल बागेश्वर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए पांच सितंबर को मतदान होना है। ये सीट बीजेपी के पूर्व विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद खाली हुई थी। इस सीट पर सभी की नजरें गड़ी हुई हैं। बीजेपी ने इस सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत चंदन रामदास की पत्नी पार्वती दास को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने बसंत कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।
दोनों ही पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी इस चुनाव में जी जान से जुटी हुई हैं। बीजेपी तो बिल्कुल भी लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है। यहीं कारण है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने चुनाव की कमान खुद अपने हाथ में संभाल रखी है। बागेश्वर उप चुनाव भले ही एक छोटा चुनाव है लेकिन इसका सीधा असर आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा। बागेश्वर उप चुनाव की हार जीत से बड़ा संदेश जाएगा। बागेश्वर उप चुनाव की तैयारी के बारे में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि उनके प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं। वह लगातार बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में अपने संगठन को मजबूत बनाते हुए नए कार्यकर्ताओं को सदस्यता दिलवा रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि जल्द ही मुख्यमंत्री भी बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करेंगे। बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी इस सीट को किसी भी हाल में अपने हाथ से निकलने नहीं देना चाहती है।