फूलों की घाटी में फैला पॉलीगीनिम खरपतवार, फूलों की प्रजाति बचाने के लिए शुरू हुए प्रयास।

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विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में इन दिनों रंग-बिरंगे दुर्लभ अल्पाइन पुष्पों के दुश्मन बने पॉलीगोनम खरपतवार के उन्मूलन के लिए युद्ध स्तर पर पार्क प्रशासन नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की ओर से एक बार फिर से पॉली गोनिम हटाओ अभियान शुरू किया गया है। पॉलीगोनम को अमेला अथवा नटग्रास भी कहते हैं।
दरअसल फूलों की इस प्राकृतिक घाटी में फूलों के लिए नासूर बने इस पॉलीगोनम खरपतवार को उखाड़ने पर अब तक पार्क प्रशासन लाखों रुपये का बजट खर्च कर चुका है। बावजूद इसके ये पॉली गोनियम घाटी में पुष्पों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है,
समुद्र तल से 3658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर फूलों की घाटी में खिलने वाला ये फूल पॉलीगोनम पिछले एक दशक से घाटी में खिलने वाले अन्य फूलों को अपने आसपास पनपने नहीं दे रहा है। करीब 87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी में पॉलीगोनम विगत कई वर्षों से करीब 15 से 20 हेक्टेयर हिस्से में अपने पांव पसार चुका है। साथ ही यह फूलों की घाटी की जैव विविधता के लिए भी बड़ा खतरा बन चुका है। इस बार घाटी में पार्क कर्मियों की पहल से जगह जगह क्यारियों के आसपास ये घास काटी हुई दिखाई दे रही है, इससे जाहिर है कि पार्क के अंदर पॉलीगोनम हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। वहीं आजकल काफी हद तक इसको हटा लिया गया है। दरअसल पॉलीगोनम खरपतवार जाति का पौधा है, जो तेजी से फैलता है। जुलाई व अगस्त में पनपने वाला यह पौधा अपने इर्द-गिर्द किसी अन्य फूल व घास की प्रजाति को खिलने नहीं देता है। लिहाजा इसके उन्मूलन के लिए इसे जड़ से हटाना पड़ता है, जिससे इसका दायरा न बढ़ सके।

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