उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक पारिवारिक मित्र युवती को अश्लील फोटो और वीडियो भेजने पर नैनीताल के एक युवक को 50 पौधे लगाने का आदेश दिया है। युवती ने न्यायालय को बताया कि आरोपित युवक की ओर से की गई क्षमायाचना के कारण उसकी आगे केस चलाने की इच्छा नहीं है। कंपाउंडिंग आवेदन पर विचार करते हुए न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित आपराधिक मामले को 50 पौधे लगाने की शर्त के साथ रद करने का आदेश दिया है।
अभियोजन के अनुसार फेसबुक पर युवती से दोस्ती करने के बाद नैनीताल के नीरज ने उसे अश्लील तस्वीरें और वीडियो भेजना शुरू कर दिया। तीन फरवरी 2021 को उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई। यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा था। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने आदेश में कहा है कि युवती ने उसे क्षमा कर दिया है और वह उस पर आगे केस नहीं चलाना चाहती है। युवती के बयान और अपराध की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए और इस तथ्य के साथ कि पक्षों के बीच एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। इसलिए आपस में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए समझौता आवेदन पर विचार करना आवश्यक है। कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक कार्रवाई को इस आधार पर रद किया जाएगा कि आरोपित युवक बागवानी विभाग की देखरेख में अपनी लागत पर एक माह के भीतर 50 पौधे लगाएगा। उसको सीजेएम कोर्ट में पौधारोपण की पुष्टि से संबंधित प्रमाण पत्र जमा करना होगा, तभी आपराधिक कार्रवाई समाप्त होगी। सरकारी वकील ने इस आधार पर समझौता आवेदन का विरोध किया कि छेड़छाड़ की धारा में मामला समझौता योग्य नहीं है। हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अपराध समझौता योग्य है। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में आरोपित खुद को इस प्रकार के अपराधों में शामिल नहीं करेगा और उसे यह सोचना चाहिए कि मैत्रीपूर्ण रिश्ते की पवित्रता को कैसे स्वीकार किया जाए।