शक की सुई किसी और पर, लेकिन हत्यारे निकले कोई और।

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हरिद्वार पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाते हुए वास्तविक अपराधियों को आखिर गिरफ्तार कर लिया, जबकि हत्या जैसे जघन्य मामले में नामजदों को निर्दोषों बताते हुए पुलिस ने हटा दिया।
आपको बता दे कि झलकारी बस्ती हरिद्वार निवासी  पूनम द्वारा कोतवाली नगर हरिद्वार में तहरीर देकर अपने बेटे आकाश उर्फ मोगली की हत्या करने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें 04 लोगों को नामजद किया गया था।
घटनास्थल और उसके आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ, C.C.T.V. कैमरा फुटेज, मुखबिरों को सक्रिय करते हुए प्रकरण से संबंधित सूचनाओं को इकठ्ठा किया गया और उनकी कड़ियों को जोड़ने के बाद पुलिस टीम को 02 संदिग्ध व्यक्तियों पर शक हुआ। पड़ताल को आगे बढाते हुए टीम ने जब 01 संदिग्ध मुकेश चंदारिया को हिरासत में लेकर सख्ती से  पूछताछ की गई तो स्पष्ट हुआ कि बीती 30 जुलाई की रात मुकेश अपने साथी के साथ शराब पीकर अवैध शराब बेच रही महिला की झोपड़ी में लेटा था कि तभी मृतक ने वहां आकर चोरी का प्रयास किया।
दोनों अभियुक्तों ने मोगली को मौके पर रंगे हाथों पकड़कर उसकी पिटाई कर दी। मृतक जान छुड़ाकर कुछ दूरी तक भागा भी था लेकिन मृतक द्वारा पहले भी ऐसे ही चोरी करने के कारण गुस्से में आकर दोनों ने उसका पीछा किया और कुछ दूरी पर पकड़कर जान से मार दिया। हत्या के बाद दोनों अभियुक्तों ने महिला की मदद से ब्रह्मपुरी कृष्णा डेयरी के पास रेलवे लाईन के पास फेंक दिया था जिससे लोगों को लगे कि मृतक नशे में ट्रेन से टकराकर मर गया है।
पुलिस टीम ने आरोपी महिला भगवती को भी दबोच लिया। अब तक की जांच में जो तहरीर में अंकित चारों नामजद अभियुक्त हैं उनकी कोई भूमिका नहीं पाई गई है। फरार अभियुक्त बाबा की तलाश के लिये टीम गठित की गयी है। अभियुक्त मुकेश और भगवती को  न्यायालय हरिद्वार में पेश गया ।


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