चंपावत में केएमवीएन की जमीन पर बनेगा सिडकुल! शासन को भेजा गया प्रस्ताव 

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कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) की बंद हो चुकी रोजिन टरपंटाइन (तारपीन) फैक्टरी वाले परिसर में उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम (सिडकुल) की औद्योगिक इकाई खुलने के आसार हैं। सिडकुल के सर्वे के बाद इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। चंपावत के औद्योगिक आस्थान में कुछ छोटी इकाइयों के अलावा जिले में कोई औद्योगिक इकाई नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद अब यह तस्वीर बदलने की उम्मीद जगी है। रोजिन फैक्टरी परिसर की 162 नाली जमीन में सिडकुल की इकाइयां खुलेंगी। इस संभावना को टटोलने के लिए सितंबर में सिडकुल की तीन सदस्यीय टीम ने यहां सर्वे किया था। जानकारी के अनुसार रोजिन फैक्टरी वाली जमीन औद्योगिक इकाई के लिए उपयुक्त है। यहां पर्यटन और सेवा से संबधित औद्योगिक इकाइयां खोलना सबसे अनुकूल होगा। सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। वही डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने औद्योगिक विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है।

उत्तर प्रदेश राज्य के दौरान स्थापित चंपावत की रोजिन फैक्टरी कुमाऊं की मुनाफे वाली औद्योगिक इकाई थी। लीसे की प्रचुरता के कारण वर्ष 1977 में 230 नाली जमीन पर स्थापित यह फैक्टरी लगातार मुनाफे में चलती रही। वर्ष 2003 के बाद से रियायती लीसा न मिलने से घाटा शुरू हुआ और 2005 में फैक्टरी पर ताले लग गए। बाद में फैक्टरी के उपकरणों को नीलाम कर दिया गया। इस फैक्टरी की जमीन पर चंपावत का जिला अस्पताल बनाया गया है। तहसील कार्यालय और एसडीएम आवास के लिए भी जमीन दी गई है। इसी परिसर में चाय की फैक्टरी भी चल रही है। इस कारण 230 नाली जमीन में से अब सिर्फ 162 नाली जमीन ही बची है। वही चंपावत के रोजिन फैक्टरी के अलावा कुछ अन्य जगहों की जमीन का भी सिडकुल ने सर्वे किया है। चंपावत के डूंगरासेठी के अलावा बनबसा में सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश की जमीन का कुछ हिस्सा और देवीपुरा क्षेत्र में औद्योगिक संभावनाएं टटोली गई हैं। ये प्रस्ताव भी शासन को भेजे गए हैं। इससे पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2017 में कठुवापाती को औद्योगिक इकाई बनाने की घोषणा की थी लेकिन वहां आरक्षित वन भूमि न मिलने के कारण यह घोषणा पूरी नहीं हो सकी।


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