बड़ी खबरः सुप्रीम कोर्ट पहुंचा चीता साशा की मौत का मामला! केन्द्र से तलब किया जवाब, टास्क फोर्स के सदस्यों की जानकारी मांगी

Spread the love

नई दिल्ली। एमपी के कूना नेशनल पार्क में पिछले साल नामीबिया से लाए गए चीतों में से एक की मौत हो गई। 4 साल की मादा चीता साशा की मौत के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब किया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने केंद्र सरकार से चीता संरक्षण के लिए बनाई गई टास्क फोर्स के सदस्यों की जानकारी और उनके क्वालिफिकेशन का ब्यौरा मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से 2 सप्ताह के अंदर एफिडेविट देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट को सलाह-सुझाव देने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी। इसी कमेटी ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी कि पर्यावरण मंत्रालय ने जो टास्क फोर्स बनाई है, उसमें एक भी ऐसा एक्सपर्ट नहीं है, जिसे चीता संरक्षण या मैनेजमेंट की जानकारी है। इस एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी अर्जी में मांग की थी कि टास्क फोर्स को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी को लेटेस्ट अपडेट उपलब्ध कराने चाहिए और उनकी सलाह माननी चाहिए। कमेटी की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट प्रशांत चंद्र सेन ने दावा किया कि केंद्र सरकार के टास्क फोर्स में एक भी विशेषज्ञ सदस्य नहीं है। केंद्र सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी कि सरकार ने चीता संरक्षण के लिए वैज्ञानिकों, फॉरेस्ट ऑफिस, चीता एक्सपर्ट के सहयोग से एक्शन प्लान तैयार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते के भीतर ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है।


Spread the love