उत्तराखण्डः हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विवि पहुंचे गृहमंत्री शाह! दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को प्रदान की पीएचडी की उपाधि, प्रदेशवासियों को दी रामनवमी की शुभकामनाएं

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देहरादून। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरूकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय हरिद्वार के 113 वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर 99 विद्यार्थियों को स्नातक, 100 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर, 56 विद्यार्थियो को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। वहीं 83 विद्यार्थियो को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस दौरान शाह ने सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त कर शिक्षार्थी नये जीवन की शुरूवात करने जा रहे है। गुरूकुल कांगड़ी संस्थान की नींव स्वामी श्रद्धानन्द जी ने रखी, महर्षि दयानन्द के सिद्धान्तों पर यहां शिक्षा का अविरल प्रवाह चलता है। आज यह विश्वविद्यालय महान वटवृक्ष बनकर समग्र देश और दुनिया को महर्षि दयानन्द का संदेश और हमारी पौराणिक शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ा रहा है। यहां की शिक्षा पद्धति का महत्व देखकर ही महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मोरारजी देसाई जैसे अनेक महानुभावों ने इस पूण्य भूमि की शिक्षा व्यवस्था को बल देने का कार्य किया। आज जो बैच शिक्षा पूर्ण कर जा रहा है, यह बैच आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष एवं स्वामी दयानन्द सरस्वती के 200वें जन्म वर्ष का बैच है। कहा कि आज 1800 विद्यार्थी शिक्षा की दीक्षा प्राप्त कर नये जीवन में प्रवेश करेंगे। यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद राष्ट्र के लिए योगदान की शुरूवात करने वाले हैं। यह भूमि वह भूमि है जहां से वैदिक शिक्षा को बढ़ावा मिला। स्वामी दयानन्द जी का संदेश स्वामी श्रद्धानन्द जी ने हुबहू जमीन पर उतारने का कार्य किया। उन्होंने शिक्षा को अंग्रेजी की चंगुल से बाहर निकालने के लिए हमारी परम्परागत शिक्षा पद्धति को नई ऊर्जा देने के लिए वैदिक मूल्यों, प्राचीन भारतीय संस्कृति, वेदों और उपनिषदों का ज्ञान, ब्रहमाण्ड का विज्ञान एवं आधुनिक विषयों को जोड़कर शिक्षा को परिपूर्ण बनाने का कार्य किया। विश्वविद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ 800 से अधिक शोधपत्र रजिस्टर किये गये हैं, यह सराहनीय कदम है। वैदिक एवं आधुनिक शिक्षा के संगम का कार्य गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने किया है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि महर्षि दयानन्द जी के संदेश को अपने मन से लगा कर रखें। उनके बताये गये रास्ते पर चलने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को दीक्षांत समारोह की बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में ज्ञान की अविरल गंगा को प्रवाहित करने वाले इस संस्थान में उपस्थित होकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। महान शिक्षाविद् स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती जी ने जो यह अद्भुत धरोहर मां भारती को सौंपी थी, उसका हिस्सा बनना और आप सभी साथियों से जुड़ना, मेरे लिए प्रेरक भी है और आनंददायक भी है। स्वामी श्रद्धानन्द जी ऐसे संन्यासी थे, जिन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया। वह भारत के उन महान राष्ट्रभक्त सन्यासियों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपना जीवन स्वाधीनता, स्वराज्य, शिक्षा तथा वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित किया था। इस अवसर पर कुरूकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह, कुलपति प्रो. सोमदेव शंतांशु, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक श्री मदन कौशिक आदेश चाहान, संतगण एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।


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