दुखद:-थम गया सुरों का कारवां,कला जगत के एक युग का अंत,लता दीदी ने कहा दुनिया को अलविदा

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मुम्बई। अपनी सुरीली आवाज के जादू से दशकों तक दुनिया के लोगो के दिलों पर राज करने वाली सुर-साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर ने आज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। अपने सुरीली आवाज से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने लंबे समय तक हिंदी सिनेमा में एकछत्र राज किया।
मालूम हो कि लता मंगेशकर जनवरी में कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी,जिसके बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था,बाद में लता मंगेशकर को निमोनिया भी हो गया था। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था,लेकिन 5 फरवरी को अचानक उनकी स्थिति बिगड़ने पर उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। और आज सुबह उन्होंने 8बजकर 12 मिनट पर अपनी आखिरी सांस ली।
लता मंगेशकर के निधन पर भारत समेत दुनियाभर की दिग्‍गज हस्तियों ने शोक जताया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी। लता दीदी प्रखर देशभक्त थी। स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी की विचारधारा पर उनकी हमेशा ही दृढ़ श्रद्धा रही है। उनका जीवन अनेक उपलब्धियों से भरा रहा है। लता जी हमेशा ही अच्छे कामों के लिए हम सभी को प्रेरणा देती रही हैं। भारतीय संगीत में उनका योगदान अतुलनीय है। 30 हजार से अधिक गाने गाकर उनकी आवाज ने संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजा है। लता दीदी बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी थी।’
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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट कर लता मंगेशकर को नमन करते हुए कहा कि लता दीदी का जाना कला क्षेत्र के लिए अपूर्णीय क्षति है।लता दीदी दया से भरी हुई थी।वो देश मे एक ऐसी जगह खाली छोड़ गई हैं जिसे कभी भरा नही जा सकता।


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