पिछले 378 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन आखिरकार अब समाप्त हो गया है।संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया है।संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा के अनुसार 11दिसम्बर से किसान अपने-अपने घरों को वापस जाएंगे।आंदोलन की समाप्ति के बाद अब किसान नेता 15 दिसम्बर को स्वर्ण मंदिर जाकर माथा टेकेंगे।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद से ही किसान आंदोलन के समाप्त होने की सम्भावनाये जताई जा रही थी, परन्तु किसान नेताओ ने कृषि कानूनों की वापसी के बाद कुछ अन्य मुद्दों को लेकर धरना चालू रखा था।अब संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच सभी बिंदुओं पर सहमति बन गई है,जिसके बाद किसान अपने घरों को लौटने को तैयार हो गए हैं।
किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 15 जनवरी को किसान मोर्चा की एक समीक्षा बैठक होगी जिसमें यह विचार किया जाएगा कि लंबे आंदोलन में हमने क्या खोया और क्या पाया है।साथ ही इस बात पर भी चर्चा की जाएगी सरकार ने हमारी कितनी मांगों को माना है। राजेवाल ने कहा कि मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं,जिन्होंने हमारा इस लड़ाई में साथ दिया। गौरतलब है कि मंगलवार को ही सरकार द्वारा किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के पास एक प्रस्ताव दिया था,जिसमें एमएसपी पर समिति गठित करने,मुआवजा पर सैद्धांतिक सहमति के साथ-साथ आंदोलन खत्म करने पर मुकदमों की वापसी की बात कही थी।परंतु किसान नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि मुकदमा आंदोलन की समाप्ति के बाद नहीं बल्कि आंदोलन समाप्त होने से पहले हटाए जाएं।इसके बाद सरकार ने नया प्रस्ताव बनाकर किसानों को भेजा और तत्काल मुकदमा वापस करने की बात कही। जिसके बाद किसान संगठन आंदोलन खत्म करने पर राजी हो गए हैं।