बागेश्वर उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका! रंजीत दास ने ज्वाइन की भाजपा 

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उपचुनाव से पहले ही बागेश्वर में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। रंजीत दास ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। ये स्थिति तब है जब कांग्रेस अभी तक बागेश्वर उपचुनाव को लेकर सिर्फ बयानबाजी तक ही सिमटी है पार्टी ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। उधर बीजेपी ने तीन नाम पार्टी हाईकमान को भेज दिए हैं। बागेश्वर उपचुनाव हर दिन रोमांचक होता जा रहा है। जहां भाजपा व कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं तो वहीं कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रंजीत दास आज देहरादून में बीजेपी के सदस्य बन गए हैं। उन्हें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के द्वारा भाजपा की सदस्यता दिलाई गई है।

बता दें कि कांग्रेस के द्वारा आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बसंत कुमार को टिकट देने की चर्चाओं के बीच रंजीत दास पहले ही बीजेपी के सदस्य बन गए हैं। रंजीत दास का बागेश्वर क्षेत्र में युवाओं के बीच बड़ा दबदबा है। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। रंजीत दास पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय गोपाल रामदास के पुत्र हैं. उनका बागेश्वर और गरुड़ क्षेत्र में काफी ज्यादा बोलबाला है. उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस को भारी झटका लगा है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, पाला बदलने वाले नेताओं के चेहरे सामने आने लगे हैं। वहीं कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने की आशंका और कांग्रेस पार्टी के द्वारा आप के पूर्व प्रत्याशी को टिकट देने की चर्चा के बीच रंजीत दास ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। रंजीत दास ने देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत पार्टी के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। उत्तराखंड में बागेश्वर उपचुनाव से पहले बीजेपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। भाजपा पहले से ही यह बात कह रही थी कि उपचुनाव से पहले कांग्रेस का कोई बड़ा नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल होगा। बीते दिनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में भी यह निर्णय लिया गया था कि ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दलों के नेताओं को अपने दल में शामिल किया जाए। उन्हें अपने दल की खूबियां और काम करने का तौर तरीका बताया जाए। इसी कड़ी में आज भारतीय जनता पार्टी ने बागेश्वर से 2022 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे रंजीत दास को बीजेपी में शामिल कर लिया है। हालांकि साल 2022 में चंदन रामदास ने उन्हें 12,000 से अधिक वोटों से हराया था। बताया जा रहा है कि रंजीत दास लंबे समय से कांग्रेस के बड़े नेताओं से इस बात से खफा थे कि हारने के बाद उन्हें पार्टी नजरअंदाज कर रही थी। ऐसे में उन्होंने ठीक चुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर कहीं ना कहीं बागेश्वर में कांग्रेस के गणित को गड़बड़ा दिया है. रंजीत दास का बागेश्वर में अच्छा खासा जन आधार बताया जाता है। खास बात यह है कि उपचुनाव को लेकर 7 अगस्त को यानी आज से लगभग 5 दिन पहले जब प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव देहरादून के कांग्रेस मुख्यालय में बैठक ले रहे थे तब रंजीत दास उस बैठक में शामिल हुए थे। लेकिन एकाएक 5 दिन बाद ऐसा क्या हुआ कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया। उत्तराखंड के बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार 5 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 8 सितंबर को मतगणना की तिथि रखी गई है. प्रत्याशी 17 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। 18 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 अगस्त की तिथि नाम वापसी के लिए रखी गई है। 5 सितंबर को बागेश्वर विधानसभा सीट पर मतदान होगा और 8 सितंबर को मतगणना की जाएगी।

 


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