अल्मोड़ा में स्वंत्रता सेनानियों की उपेक्षा, 12 साल से शहीदों के स्मारक कर रहे है उदघाटन का इंतजार  

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सरकारों द्वारा देशभक्ति का दिखावा अब आम हो चला है, जिसके तहत सरकारें अपनी ही घोषणाओं को अमली जामा पहनाना भूल जाती है चाहे उसमे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की उपेक्षाही क्यों न हो। ऐसा ही एक मामला अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा विकासखंड में मल्ला सालम स्थित बडियार रैत गांव से सामने आया है। यहां 12 साल से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारकों को उद्घाटन के लिए सरकार का इंतजार है, लेकिन 12 साल बीतने के बावजूद इन स्मारकों का उद्घाटन नहीं हो सका। इसे दुर्भाग्य ही माना जायेगा कि जहां स्वतंत्रता संगाम सेनानियों और शहीदों की पूजा की जाती हो वहां सालों बाद भी उन स्मारकों का उद्घाटन नहीं हो सका जो स्थापित हो चुकी हैं। इसके लिए बकायदा ग्रामीण जिलाधिकारी, अधिशासी अभियंता सहित कई अधिकारियों से फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। 
जानकारी के अनुसार लमगड़ा के मल्ला सालम स्थित बडियार रैत गांव में वर्ष 2009-10 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के कार्यकाल में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कमलापति और तारादत्त की मूर्तियां स्मारक में स्थापित की गई थी, लेकिन आज तक इन स्मारकों का उद्घाटन नहीं हो पाया है। लगातार इसके लिए ग्रामीण अधिकारियों की चौखट पर पहुंचकर गुहार लगाते आ रहे हैं बावजूद इसके न तो अधिकारियों के कानों में जू रेंगती है और न ही सरकारों को इसकी सुध लेने का समय है। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि सिर्फ सियासी फायदों के लिए ही बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती हैं जिसका धरातल से कोई लेना-देना नहीं होता।

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