सरकार से मिले आश्वासन के बाद विभिन्न तहसीलों में रजिस्ट्रार कानूनगो लंबित व प्रतिदिन आने वाले दाखिल-खारिज को पूरा करने में जुटे हैं। तहसील सदर में दो दिन में 350 दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी की गई। जबकि अभी भी तकरीबन 7500 से अधिक दाखिल खारिज को समय पर पूरा करने की चुनौती रजिस्ट्रार कानूनगो के सामने है।
सीमित संसाधनों के चलते काम का बोझ बढ़ने का हवाला देते हुए तीन जुलाई से उत्तराखंड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ के आह्वान पर रजिस्ट्रार कानूनगो दाखिल-खारिज से संबंधित प्रक्रिया का बहिष्कार कर रहे थे। लेखपाल के स्तर से दाखिल-खारिज के लिए फाइल रजिस्ट्रार कानूनगो के पास जमा हो रही थी। तहसील सदर में तकरीबन 55 दिन में 8200 से अधिक दाखिल-खारिज अटक गए। शनिवार को संगठन के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सकारात्मक आश्वासन मिला। इसके बाद सभी तहसीलों में सोमवार से बहिष्कार को समाप्त करने का ऐलान किया गया। सदर तहसील में 150 जबकि मंगलवार को 200 दाखिल-खारिज हुए। रजिस्ट्रार कानूनगो प्रेम गोस्वामी ने बताया कि जो भी लंबित दाखिल-खारिज हैं उन्हें प्रमुखता से पूरा करने की कोशिश की जा रही है। प्रतिदिन 200 दाखिल-खारिज को पूरा करने के हिसाब से कार्य किया जा रहा है। देहरादून जिले की बात करें तो यहां सात तहसील में रजिस्ट्रार कानूनगो के स्वीकृत 10 पद हैं, लेकिन वर्तमान में छह ही कार्य कर रहे हैं। सदर तहसील में तीन के सापेक्ष एक रजिस्ट्रार कानूनगो है। ऐसे में लंबित दाखिल-खारिज को समय पर पूरा करना रजिस्ट्रार कानूनगो के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।