निगम की नाकामी या है कोई झोल?मैत्री सेवा की भारतीय बसे नही जा पा रही हैं नेपाल,नेपाल से अवैध बसें हो जा रही संचालित

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भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है।अधिकारियों के स्तर की कई बार बातचीत होने के बाद भी यह विवाद जस का तस बना हुआ है। मालूम हो कि नेपाल ने मैत्री बस सेवा के तहत संचालित भारतीय बसों के नेपाल में प्रवेश पर रोक लगा दी है, जबकि नेपाल द्वारा लगातार अवैध तरीके से बसों का संचालन किया जा रहा है।मालूम हो कि नेपाल से संचालित बसों पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कुछ बसें टूरिस्ट परमिट होने के बाद भी सवारिया ढो रही हैं और महेन्द्रनगर से दिल्ली व देहरादून के लिए लगातार सवारियां लेते हुए जा रही हैं, जबकि भारतीय बसो को अब भारतीय सीमा के पिलर नंबर 7 पर ही रोक दिया जा रहा है और उन्हें वहीं से सवारी भरने की अनुमति मिल रही है। परंतु नेपाली बसों द्वारा महेंद्रनगर से ही सवारियां भरकर लाई जा रही है जिस कारण भारतीय बसों को सवारियां नहीं मिल पा रही है। इतना ही नहीं अवैध रूप से संचालित नेपाली बसों द्वारा भारतीय क्षेत्र दिल्ली और देहरादून में भी भारतीय बसों से पहले सवारियां भर ली जा रही हैं। गौर करने वाली बात यह है कि यह सब हरकतें निगम के अधिकारियों की नाक के नीचे हो रही है परंतु निगम के अधिकारी खानापूर्ति के नाम पर पत्राचार कर मामले से पल्ला झाड़ने का रवैया अपनाए हुए हैं। मामले में टनकपुर एआरएम के.एस.राणा से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैत्री बस सेवा से जुड़े विवाद के संबंध में समाधान निकालने हेतु उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा है और शीघ्र ही समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। वहीं अवैध बसों के संचालन के संबंध में एआरएम ने कहा कि शीघ्र ही संयुक्त टीम बनाकर अवैध बसों के संचालन संबंधी शिकायतों की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।


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