मुनस्यारी के गांव पर मंडरा रहा खतरा! तीन आपदा पीड़ित परिवारों का होगा विस्थापन

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उत्तराखंड में कई ऐसे गांव हैं जो भारी बारिश के चलते खतरे में है। यहां कई ऐसे परिवार हैं जो अपना घर गंवा चुके हैं। इन्ही में से एक गांव है विकास खंड मुनस्यारी के बिर्थी झरने के निकट स्थित गिरगांव। यहां विगत वर्षों की आपदा में आवासीय मकान गंवा चुके तीन परिवारों के विस्थापन के लिए शासन ने 10 लाख 71 हजार की धनराशि स्वीकृत कर दी है। दो वर्ष पूर्व गिरगांव क्षेत्र में मानसून काल में आपदा के दौरान भारी नुकसान हुआ था। गिरगांव में तीन मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे और अन्य कुछ मकान भी तीक्ष्ण क्षतिग्रस्त हुए थे। गांव के तीन परिवार राधा देवी पत्नी चंचल सिंह, राधा देवी पत्नी कैलाश सिंह और बहादुर सिंह पुत्र आन सिंह का परिवार मकान नहीं होने से गांव में ही किराये पर कमरा लेकर दिन व्यतीत कर रहे हैं। गांव में अभी भी भूधंसाव जारी है। स्थानीय भाजपा नेता भगत बाछमी द्वारा प्रभावितों के विस्थापन के लिए प्रयास किया गया। मुख्यमंत्री से मांग कर किए जाने पर गांव की भूगर्भीय जांच की गई। सभी प्रभावित परिवारों के विस्थापन की संस्तुति की गई। पीड़ित परिवारों को आपदा के समय अहेतुक धनराशि मिली। ग्रामीण देहरादून में मुख्यमंत्री से मिले और समस्या से अवगत कराया। सीएम द्वारा तीन परिवारों के तत्काल विस्थापन के लिए धनराशि स्वीकृत की गई। तीन परिवारों के लिए स्वीकृत प्रति परिवार चार लाख के हिसाब से 12 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई। पूर्व में पीड़ितों को मिली राशि का समायोजन कर तीनों परिवारों को मकान निर्माण, गोशाला और विस्थापन भत्ता मिला कर 10 लाख 71 हजार की धनराशि स्वीकृत कर पत्र प्रशासन को भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा गिरगांव, भंडारीगांव के 64 प्रभावित परिवारों का चरणबद्ध ढंग से विस्थापन करने का आश्वासन दिया है। भाजपा नेता भगत सिंह बाछमी सहित पीड़ित परिवारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आभार जताया है।


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