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टनकपुर। उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हक में हर व्यक्ति की पहचान साफ करवाने की मांग को लेकर भगवा रक्षा युवा वाहिनी के प्रदेश सचिव गणेश लाल आर्या अपने कई साथियों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये। इस दौरान उन्होंने उपजिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि कुछ समय पूर्व उनकी पत्नी बीएलओ हंसी देवी द्वारा दोहरी नागरिकता तथा अवैध दस्तावेजों के सम्बंध में साक्ष्य सहित 36 व्यक्तियों के निरस्त फार्म 7 भरकर शासन-प्रशासन को भेजे गये थे, लेकिन इस सम्बंध में आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यहां टनकपुर चंपावत में नेपाली मूल के बहुत सारे लोग रहते हैं उनका भी यहां वोटिंग लिस्ट में नाम दर्ज किया जा रहे है, जबकि वह नेपाल में भी वोट डालते हैं। उनका कहना है कि जिस प्रकार बिना साक्ष्यों के बाहरी व्यक्तियों को यहां की सदस्यता दिलाई जा रही है वह आने वाले समय में बेहद खतरनाक साबित होगा। कहा कि नेपाली मूल के व्यक्तियों का भी वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कर दिया गया। इस बारे में शासन-प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री तक प्रार्थना भेजा गया, लेकिन आजतक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बिना साक्ष्यों के बाहरी लोगों के प्रमाण पत्र बन जाते हैं और उत्तराखण्ड के मूल निवासियों की तरह वह भी अपना हक जमाते हैं जो कि गलत है।
आंखिर कैसे बन जाते हैं प्रमाण पत्र
यूं तो उत्तराखण्ड को बने 21 साल पूरे हो गये, लेकिन यहां सरकारी तंत्र आज भी वैसे ही काम करता है जैसे पहले था। कोई भी सरकारी काम हो आज भी लोगों को इसके लिए चक्कर काटने पड़ते हैं। चंपावत में जिस प्रकार नेपाली मूल के रहने वाले लोगों के वोटर कार्ड में नाम दर्ज करने का मामला सामने आया है उससे यह तो साफ है कि बिना सांठगांठ के यह संभव नहीं है। इसे वोट बैंक की राजनीति कहें या फिर गडबड़ घोटाला जो भी हो इसमें प्रशासन के साथ ही सरकार की लापरवाही भी उजागर होती है।