बार संघ अध्यक्ष ने लोहाघाट एसडीम के असमय तबादले पर उठाए सवाल

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आज का दिन लोहाघाट क्षेत्र के इतिहास में बेहद काले पन्नों में लिखा जाएगा लिखने वाले होंगे सरकार के सचिव लिखने वाले होंगे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री लिखने वाले होंगे लोहाघाट के विधायक यह बात बेहद प्रासंगिक है क्योंकि काफी लंबे अरसे बाद ऐसा हुआ कि लोहाघाट क्षेत्र को एक बेहद ईमानदार बेहद जुझारू और बेहद काबिल परगना अधिकारी एसडीएम गोस्वामी जी के रूप में मिले बहुत कम समय में उन्होंने लोहाघाट क्षेत्र की शहरी एवं ग्रामीणों की समस्याओं को समझा और बड़ी ही निष्ठा के साथ कई मामलों का समाधान भी किया जिनमें लोहाघाट शहर के यातायात जैसी समस्याएं लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ी हुई समस्याएं पेयजल से जुड़ी हुई समस्याएं छात्रों की समस्याएं जैसे अनेक मामले शामिल है यह कहना गलत नहीं होगा कि बहुत कम समय में पूर्व एसडीएम श् गोस्वामी जी ने लोहाघाट क्षेत्र के लोगों के दिल में अपनी जगह बना दी क्षेत्र की जनता बुजुर्ग एवं नौजवान सभी को उत्तराखंड सरकार के इस तबादले के फैसले से बहुत आघात पहुंचा है यही वजह है कि एक अर्से बाद किसी परगना अधिकारी के तबादले पर जनता सड़क पर उतर आई यही वजह रही कि सरकार के इस तबादले के फैसले पर चंपावत बार एसोसिएशन ने भी अपनी ना खुशी जाहिर की सड़क से लेकर एसडीएम परिसर तक एसडीएम को वापस लाओ एसडीएम का तबादला निरस्त हो किनारे शहर के चारों और गूंजते सुनाई दिए आज सवेरे 11:00 बजे चंपावत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट राम सिंह बिष्ट के साथ अधिवक्ता यतीश चंद्र जोशी अधिवक्ता नरेश ढेक अन्य पत्रकार भाइयों के साथ इन बेहद भावुक लम्हों में एसडीएम गोस्वामी को फूल एवं उपहारों के साथ अलविदा कहा और एसडीएम साहब को भविष्य में भी इसी तरह जनता के लिए सराहनीय कार्य करने की इच्छाशक्ति को बनाए रखने को कहा अधिवक्ता यतीश चंद्र जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा यदि इस राज्य में एक अधिकारी को अपनी ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करने की कीमत इस तरह के तबादलों ऐसे अदा करनी होगी तो भला कौन अधिकारी इमानदारी से जनता के प्रति समर्पण के भाव से अपनी सेवा दे पाएगा जिस अधिकारी को अपनी अद्भुत जन सेवाओं के लिए पदोन्नति एवं समाज के नौजवान वर्ग के लिए एक रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाना चाहिए था यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है की इतने कम समय में बिना किसी कारण इतने काबिल अधिकारी का तबादला किया गया और सबसे हैरानी की बात यह रही कि लोहाघाट के मौजूदा विधायक और क्षेत्र के बीजेपी के नेताओं द्वारा सरकार के इस गलत फैसले का कोई विरोध नहीं किया गया अधिवक्ता श्री राम सिंह बिष्ट जी ने यह माना इतने काबिल अधिकारी का लोहाघाट क्षेत्र माना क्षेत्र के लोगों के लिए किसी सौगात से कम नहीं था लेकिन कुछ अराजक तत्वों द्वारा अपने निजी स्वार्थ को साथ ले की नियत से जिस तरह इस तबादले को करवाया गया है यह कृत्य आने वाले चुनाव में इस मौजूदा सरकार के लिए अपनी कब्र खोदने जैसा होगा इसके बाद बेहद नाजुक एवं भावुक माहौल में एसडीएम परिसर में अधिवक्ता गणों के साथ मिलकर वहां आए छात्र छात्राओं ने एसडीएम को वापस लाओ के नारे एसडीएम का ट्रांसफर निरस्त हो के नारे लगाकर उत्तराखंड सरकार का एवं लोहाघाट के विधायक का विरोध किया


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