ब्रेकिंग:-राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री का सम्बोधन,कृषि कानून वापस लेने की घोषणा

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देश के नाम अपने सम्बोधन की शुरुवात करते हुए मोदी ने गुरु नानक जयंती की बधाई दी।अपने सम्बोधन के दौरान मोदी ने कहा कि वे किसानों के दर्द को भली भांति समझते हैं।मोदी ने कहा कि देश के लगभग 80% किसानों के पास 2हेक्टेयर से कम भूमि है,जिनको ध्यान में रखकर ही उनकी सरकार काम कर रही है।किसानों की बेहतरी के लिए फसल बीमा योजना,किसान सम्मान निधि के साथ साथ अन्य कई योजनाएं चला रहे है।आपदा के दौरान किसानों को आसानी से मुआवजा मिल सके इसके लिए बीमा की शर्तों में परिवर्तन कर शर्ते आसान की गई हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की 1लाख से ज्यादा मंडियों को enam योजना से जोड़कर किसान को अपनी फसल कही भी बेचने को स्वतंत्र किया है ।मोदी ने कहा कि सरकार प्रति वर्ष कृषि क्षेत्र में सवा लाख करोड़ से अधिक खर्च कर रही है।मोदी ने कहा कि अब पशुपालकों व मत्स्य उद्योग से जुड़े लोगों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिए जा रहे है।
मोदी ने अपने सम्बोधन में तीनों कृषि कानूनों को सही बताते हुए कहा कि सरकार तीनों कानून वर्षों से किसानों व कृषि विशेषज्ञों, संगठनों की मांग पर लाई थी।मोदी ने कहा कि तीनों कानूनों का देश के करोड़ो किसानों व कृषि संगठनों ने स्वागत किया था,जिसके लिए वो उनका आभार व्यक्त करते हैं।
मोदी ने कहा कि किसानों के हितों की यह बात व्यक्तिगत,सामूहिक प्रयासो से किसानों के एक वर्ग को नही समझा पाए।सम्बोधन के दौरान भावुक होते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शायद हमारी तपस्या में कमी रह गई थी जिस कारण हम किसानों को कानून के फायदे नही समझा पाए।कानून के जिन प्रावधानों पर उनको एतराज था सरकार उनको बदलने को भी तैयार थी।कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए देशवासियों से माफी मांगते हुए मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महीने के अंत मे शुरू हो रहे संसद सत्र में कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।
प्रधानमंत्री ने आगे कहते हुए एमएसपी को और अधिक प्रभावित बनाने के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की।


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