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भारतीय स्टेट बैंक ने अप्रैल 2017 से दिसम्बर 2019 के बीच जनधन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान के वसूले गए 164 करोड़ रुपये अब तक नही लौटाए हैं।आईआईटी मुम्बई की तरफ से जनधन खाता योजना पर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार सरकार के निर्देशों के बावजूद भी स्टेट बैंक ने अभी तक केवल 90 करोड़ रुपये ही ग्राहकों को वापस किये है,जबकि 164 करोड़ लौटाने अभी बाकि हैं।
रिपोर्ट के अनुसार बैंक ने अप्रैल 2017 से दिसम्बर 2020 तक जनधन खाताधारकों से यूपीआई व रुपे से लेनदेन के लिए 254 करोड़ से अधिक शुल्क वसूल किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक के इस कार्य की शिकायत वित्त मंत्रालय से की गई तो वित्त मंत्रालय ने तुरंत कदम उठाया।सीबीडीटी ने 30 अगस्त 2020 को बैंकों के लिए सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि 1जनवरी 2020 से वसूले गए शुल्क को वापस किया जाए और भविष्य में इस तरह का कोई शुल्क नही लिया जाए।