उत्तराखण्डः पारा चढ़ने के साथ ही धधकने लगे जंगल! दो दिन में 14 घटनाएं आई सामने, 40 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को नुकसान

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देहरादून। पारा चढ़ने के साथ ही उत्तराखण्ड में फिर से जंगल धधकने शुरू हो गए हैं। बता दें कि उत्तराखण्ड में अप्रैल की शुरूआत से ही मौसम शुष्क बना हुआ है और लगातार पारा चढ़ रहा है। ऐसे में दो दिन के भीतर प्रदेश में जंगल की आग की 14 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 40 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। आने वाले दिनों में वन विभाग की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। हालांकि विभाग की ओर से आग की रोकथाम के भरसक प्रयास करने का दावा किया जा रहा है। प्रदेश में अनियमित वर्षा के पैटर्न के चलते बीते कुछ सालों से शीतकाल में भी आग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, ग्रीष्मकाल में ही जंगलों को आग का खतरा सर्वाधिक रहता है। मार्च से जून तक का समय आग के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। खासकर कम वर्षा होने और वातावरण शुष्क होने के कारण जंगल की आग तेजी से फैलती है। इस बार मार्च में वर्षा अधिक होने से जंगल की आग की घटनाएं न के बराबर हुईं। हालांकि, अब अप्रैल में पारा तेजी से चढ़ रहा है और फिलहाल वर्षा के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसके बाद मई और जून भी वन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। बीते दो दिन की बात करें तो कुल 14 घटनाओं में से 10 घटनाएं आरक्षित वन क्षेत्र में हुईं और चार घटनाएं सिविल क्षेत्र की हैं। हालांकि, नुकसान आरक्षित क्षेत्र में 8.7 हेक्टेयर और सिविल क्षेत्र में 31.5 हेक्टेयर जंगल को हुआ है।


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