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मेयर गौरव गोयल ने रुड़की के राजपुताना स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा नगर निगम में उनके कार्यकाल में दस बोर्ड बैठक हुई जिसमें विकास के कार्य कम और हंगामा ज्या किया गया है, जो पूरी तरह से सोची समझी साजिश के तहत कुछ पार्षदों का एजेंडा था, जिससे कई बार बैठक स्थगित हुी और विकास कार्य भी अवरुद्ध हुए हैं, उन्होंने कहा कि अब उन्हें लगा कि वह जनता के विश्वास पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं इसलिए इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि जब शपथ लेकर निगम गए तो बहुत खामियां मिली। वहां देखा तो तत्कालीन नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त ने अपना राज चला रखा था, जिससे अधिक काम करने के बजाय मनमाने तरीके से काम करते थे, यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता के दबाव में अधिकारी विकास कार्यों को कम और सत्ता के नुमाइंदों की आवभगत में जनता के साथ छलावा कर रहे थे, जिसकी वजह से की बार उनकी अधिकारियों से नहीं बनी, यही नहीं उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि सत्ता के विपरीत उनको जनता ने चुना था, लेकिन सत्ता के दबाव के चलते उनको काम नहीं करने दिया जा रहा था, जिससे काफी परेशानियों का सामने करते हुए उन्होंने आखिर में इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि रुड़की नगर निगम की एसआईटी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी और धामी की सरकार देश प्रदेश में अच्छा कार्य कर रहे हैं लेकिन विधायक प्रदीप बत्रा और मयंक गुप्ता जैसे लोग पार्टी को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जीवन के अंतिम क्षण तक समाज की सेवा करूंगा, लेकिन गंदी राजनीति से दूर रहूंगा।