अब ताजिकिस्‍तान ने तालिबान को दी चेतावनी

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काबुल। अफगानिस्‍तान में तालिबान आतंकियों के कब्‍जे के बाद भारत का दोस्‍त ताजिकिस्‍तान अपने तेवर और सख्‍त करते जा रहा है। तालिबान ने देश में अपनी अंतरिम सरकार में अल्‍पसंख्‍यकों को बहुत ही कम जगह दी है जिससे ताजिकिस्‍तान भड़क गया है। ताजिकिस्‍तान ने बिना पाकिस्‍तान का नाम लिए कहा कि पंजशीर में तीसरे देश ने तालिबान को हमला करने में मदद की। इस बीच रूस ने ऐलान किया है कि वह ताजिकिस्‍तान में इस साल के आखिर तक अपने सैन्‍य अड्डे पर 30 नए टैंक भेजने जा रहा है। अमेरिका के अफगानिस्‍तान से वापसी के बाद हाल ही में रूस ने ताजिकिस्‍तान की सेना के साथ व्‍यापक पैमाने पर युद्धाभ्‍यास किया था। रूस ने कई नए हथियार ताजिकिस्‍तान अपने सबसे बड़े विदेशी ठिकाने पर भेजे हैं। रूस को डर सता रहा है कि तालिबान के कब्‍जे के बाद उसका असर पूरे मध्‍य एशिया पर पड़ सकता है। रूस अपनी सुरक्षा के लिए मध्‍य एशिया के देशों ताजिकिस्‍तान, उज्‍बेकिस्‍तान को एक बफर जोन के रूप में देखता है। रूस को डर सता रहा है कि तालिबानी आतंकी ताजिकिस्‍तान के रास्‍ते उसके चेचेनिया जैसे अशांत इलाके में घुस सकते हैं और फिर से हिंसा भड़का सकते हैं। इस बीच ताजिक राष्‍ट्रपति इमोमली रहमोन ने अपने देश में कट्टरपंथियों के उभार और उनकी विचारधारा को फैलाने वालों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई के लिए कहा है। ताजिकिस्‍तान की अफगानिस्‍तान से जुड़ी सीमा करीब 1,344 किमी लंबी है। इनमें से ज्‍यादातर पहाड़ी सीमा है जिस पर निगरानी करना बहुत ही मुश्किल है। रूस के सेंट्रल मिल‍िट्री डिस्ट्रिक के टैंक कमांडर खानिफ बेगलोव ने कहा कि 30 अत्‍याधुनिक टैंक ताजिकिस्‍तान के ठिकाने पर भेजे जाएंगे और वहां से पुराने हथियारों को हटाया जाएगा। रूस ने एक और सख्‍त कदम उठाते हुए तालिबान के सरकार बनाने के कार्यक्रम के न्‍योते को भी ठुकरा दिया। इसके बाद अब ताजिकिस्‍तान ने भी अपना रुख सख्‍त कर दिया है। यही नहीं ताजिकिस्‍तान के राज्‍य समर्थिक सर्वोच्‍च धार्मिक प्राधिकरण ने तालिबान के अफगानिस्‍तान में उठाए कदमों को गैर इस्‍लामिक करार दिया है। रूस और ताजिकिस्‍तान के इस सख्‍त रुख से अफगानिस्‍तान में माहौल एकबार फिर से बिगड़ने की आशंका पैदा हो गई है।


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