जिले के नेताओ की पहली पसन्द है चम्पावत विधानसभा,लोहाघाट से आकर भी करते है दावेदारी

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चम्पावत। चंपावत विधानसभा चंपावत जिले के नेताओं के लिए पहली पसंद नजर आ रही है।यहां तक की लोहाघाट के नेता भी चंपावत विधानसभा पर अपनी नजर जमाए बैठे हैं।और ऐसा पहली बार नहीं है कि जब चंपावत विधानसभा में दावेदारों की लंबी सूची देखने को मिल रही हो। हमेशा से ही चंपावत विधानसभा में टिकट के दावेदार पड़ोसी विधानसभा से ज्यादा नजर आते हैं और इस बार भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है।
उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भी चंपावत विधानसभा में दावेदारों की लंबी सूची देखने को मिली थी और टिकट ना मिलने पर कुछ दावेदारों ने निर्दलीय ताल ठोक दी थी।
अब 2022 विधानसभा चुनाव से पहले भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।5 साल विपक्ष में रहने वाली कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा में भी दावेदारों की लंबी सूची तैयार है,जो पार्टी से खुद के लिए टिकट मांग रहे हैं।
चुनाव से पहले चंपावत विधानसभा में कांग्रेस से 9 लोगों ने टिकट की दावेदारी पेश कर दी है,जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल है।कुछ दिनों पूर्व पुनः कांग्रेस में वापसी करने वाली विमला सजवान,पूर्व दर्जा मंत्री निर्मला गहतोड़ी,बहादुर पाटनी,पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल, हरगोविंद बोहरा, भूपेंद्र महर, चार बार के विधायक और राज्यसभा सांसद महेंद्र महरा, उमेश खर्कवाल ने पार्टी के सामने दावेदारी कर दी है। कांग्रेस ही नहीं वर्तमान विधायक होने के बाद भी भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची तैयार है।भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष बगौली, पूर्व जिला अध्यक्ष शंकर पांडे, वर्तमान जिला अध्यक्ष दीप पाठक, पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोविंद सामंत, ने भाजपा से अपनी दावेदारी की है।
अब देखना यह होगा कि किस दावेदार की दावेदारी कहां तक पहुंचती है और कौन सी पार्टी किस दावेदार पर अपना दांव चलती है,लेकिन एक बात तो साफ है कि चंपावत विधानसभा में हमेशा से ही अपनी पड़ोसी विधानसभा से ज्यादा दावेदार रहे हैं और पड़ोसी विधानसभा लोहाघाट से भी लोगों की नजर चंपावत विधानसभा से चुनाव लड़ने पर लगे रहती है।


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