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चंपावत। आगामी मानसून अवधि में संभावित आपदाओं के दृष्टिगत जनपदों द्वारा आपदा रोकथाम के लिए को जा रही तैयारियों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जल्द ही सभी जनपदों में आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं जाएं। उन्होंने कहा कि आपदा के लिए संवेदनशील सभी स्थानों का चिन्हीकरण अनिवार्य रूप से कर लिया जाए। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि भूस्खलन एवं बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए सभी नदी, नाले , कलवर्ट जैसे जलनिकासी के मार्ग क्लियर कर लिए जाएं, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति में जान माल का नुकसान होने से बचा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले मौसम पूर्वानुमान का अवलोकन किया जाए। संचार, सड़क परिवहन को सुचारू रखने के लिए सभी जरूरी कार्यवाही कर ली जाए। खाद्यान एवं राहत जैसे कार्यों की पूर्व तैयारियां कर ली जाए। उन्होंने कहा कि आपदा सीजन से पूर्व सभी आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था कर ली जाए, जिससे जरूरत पड़ने पर उपयोग में लाए जा सकें। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए राज्य के कई हिस्सों में ड्राई जोन की समस्या आ जाती है। इसके लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि जंगल में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं जाएं।
चंपावत जिले की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से टनकपुर क्षेत्र में शारदा नदी द्वारा होने वाले नुकसान को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए की शारदा नदी में अपस्ट्रीम खनन करने के लिए आवश्यक कारवाई की जाए। जिलाधिकारी विनीत तोमर ने कहा कि शारदा नदी के बहाव का रुख आबादी की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए शारदा में तटीकरण का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा किया जा रहा है। कहा कि तट निर्माण के लिए डीपीआर बनाकर वित्तीय स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया गया है।जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं पुख्ता किए जाने के कार्य किए जा रहे हैं। मानसून से पूर्व ही सभी कार्य कर लिए जाएंगे।
चंपावत से इस वीडियो कांफ्रेंस में जिलाधिकारी के साथ देवेन्द्र पींचा, शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम चंपावत एवं एसडीएम लोहाघाट, ईई यूपीसीएल, ईई सिंचाई विभाग, ईई जल संस्थान, ईई पीडब्ल्यूडी ईई एनएच,समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।