बड़ी खबर:- ग्रीन टी से तैयार की गई फंगलरोधी दवा,उत्तराखण्ड की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी ने खोजा फार्मूला

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देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून की ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ग्रीन टी से फंगल रोधी दवा तैयार कर ली है।ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलाजी विभाग के विज्ञानियों ने इसका फार्मूला बनाया है। विज्ञानियों की इस टीम में डा. जिगिशा आनंद, डा. निशांत राय और डा. आशीष थपलियाल शामिल रहे। डा. जिगिशा आनंद ने बताया कि कैंडिडा की वजह से शरीर के विभिन्न हिस्सों में फंगल इंफेक्शन हो जाता है। इसके उपचार के लिए एंटी फंगल दवाएं उपयोग में लाई जाती हैं।एंटी फंगल दवाओं की खुराक अधिक होने के कारण शरीर में प्रतिरोधक क्षमता में कमी, सांस लेने में परेशानी, उल्टी, दर्द, हाईपरटेंशन जैसी समस्याएं सामने आने की संभावना बढ़ जाती है। ग्रीन टी में मौजूद कैटकींस के साथ बहुत कम मात्रा एंटी फंगल दवा और धातु आयनों की सूक्ष्म मात्रा को मिलाकर यह नया फार्मूला तैयार किया गया है।
ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डा. कमल घनशाला ने विज्ञानियों को बधाई देते हुए उनके बनाये हुए फॉर्मूले को दुनिया के लिए बहुत उपयोगी बताया है।उन्होंने कहा कि ग्राफिक एरा में टाइडफाइड को डायग्नोस करने की नई तकनीक और गन्ने के रस से मैम्ब्रेन बनाने जैसे अनेक आविष्कारों के बाद यह एक और ऐसी उपलब्धि है, जिसका पेटेंट यूनिवर्सिटी को मिला है।


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